Monday, February 1, 2010

मिर्च-मसाला के रंग

मिर्च-मसाला के रंग
कविता जिंदल और चेतन के संग
विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 को पेशावर पाकिस्तान में हुआ। इनके पिता का नाम के। सी। खन्ना व माता का नाम कमला खन्ना हैं। विनोद खन्ना की पत्नी का नाम गीताजंली है। खन्ना के दो बेटे है। राहुल खन्ना व अक्षय खन्ना दोनो फिल्मों में अभिनेता है। वह भारतीय सिनेमा के अभिनेता, फिल्म निर्माता व राजनेता है। वह पांच बच्चों में से एक हैं। विनोद खन्ना ने सेंट जेवियर्स स्कूल से पढ़ाई की। इन्होंने सेदनाहम कॉलेज से स्नातक तक की पढ़ाई की। 1975 में विनोद खन्ना ओशो के शिष्य बन गए इसर कारण इनका अपनी पहली पत्नी से तालाक हो गया। 1990 में इन्होंने दूसरी शादी कविता से की। कविता और विनोद खन्ना की दो बेटियां साक्षी व श्रद्धा हैं।
करियरः विनोद खन्ना ने पहला रोल खलनायक के रुप में किया। इन्होंने अपने फिल्मी करिअर की शुरूआत 1968 मे मन के मीत से की थी। इसके बाद इन्होने पूरब और पश्चिम, सच्चा और क्षूठा, मेरा गांव मेरा देश, मेरे अपने, अचानक, परवरिश, अमर अकबर एंथनी, मुक्कदर का सिकंदर, कुर्बानी, दयावान, चांदनी, क्षत्रिय, ईना मीणा डीका, एक राजा एक रानी, दीवानापन, जोखिम आदि फिल्में की।
राजनीतिः 1997 में वे बी.जे.पी. में शामिल हो गए गुरुदासपुर पंजाब से लोकसभा का चुनाव जीता। 2002 में संस्कृति व पर्यटन मंत्री रहे।

AMRITSAR KA SAFAR

Golden Temple- This temple construted by guru ram das and hin son guru arjun davi. This temple made by gold and this is speacal for sikh community. Reflecting influence of tboth hindu and muslim style of architecture, the temple standing in the middle of a tank, exudues tremendous architectural brilliance which draws the attentoin of nimerous tourists around the globe.
Jalianwala Garden- In this temple near in golden temple. In 13 april 1919 britise employed gernal dayar odeered to faired and died more than thousand people. In this garden today we see faired holl in woll. Till date it serves as one of the greatest tourist attraction in amritsar.
Durgania Temple- This temple called by anothe name luxmi temple. in this temple desing like golden temple. It construted by pandit madan mohan malwe and many political leader. Believed to have been built in the 16th century AD, the temple stands in the center of a lake.
Govindgarh Fort- It construted by king ranjeet singh। It built basically from safity view। Tarn Taran- This is 25km away from amritar. Tarn taran houses a sacred tank which is believed to have healing powers. It built 1768 by guru arjun dev.

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Wednesday, January 27, 2010

सोनू निगम की कहानी हमारी जुबानी


मिर्च मसाला
कविता और चेतन के संग
सोनू निगम की कहानी हमारी जुबानी
भारतीय सिनेमा के बेहतरीन पार्श्व गायकों में से एक सोनू का जन्म 30 जुलाई 1973 में फरीदाबाद जिले में हुआ। यह हिन्दी, तेलगू, और कन्नड फिल्मों में अपनी आवाज के जादू को बिखेरा उन्होंने असंख्य भारतीय व पॉप एलबम और हिन्दी फिल्मों में अभिनय किया है। सोनू ने ज्योतिष को मानते हुए अपने नाम की अंतिम वर्तनी निगामा को बदलकर निगम किया।
व्यक्तिगत जीवन : सोनू निगम के पिता आगम कुमार और उनकी माता का नाम शोभा निगम है। इनकी दो बहने है। उनकी रूचि पिता को देखकर संगीत में बनी। 15 फरवरी 2002 में मधुरिमा के साथ शादी के बंधन में बंध गए।
निगम का करियर : सोनू निगम ने तीन साल की उम्र में गायन शुरु किया। उन्होंने पहली बार स्टेज पर अपने पिता के साथ मिलकर का गीत गाया। उसके बाद से सोनू अपने पिता के साथ मिलकर शादियों और पार्टियों में गाना गाने लगे। फिर अपने पिता के साथ मुम्बई आकर 19 वर्ष की आयु में बॉलीवुड में अपना करिअर शुरु किया। उन्होंने अपनी गायिकी शुरुआत टी-सीरिज की मदद से 'रफी कर यादें' नामक एलबम से की। गायकार के रुप में पहली फिल्म 1990 में आई जो रिलीज नहीं हो सकी। लोकप्रिय टी. वी. प्रोग्राम 'सारेगामापा' के आने के बाद उनमें करियर में नया मोड़ आया। 1995 में उन्होंने बेवफा सनम में ÷अच्छा सीला÷ बार्डर फिल्म का 'संदेशे आते है और परदेस में ÷ये दिल दीवाना÷ गीत गाया। 2008 में उन्होंने युवराज, रब ने बना दी जोड़ी में गीत गाए। सोनू की कोई भाषाओं जैसे भोजपुरी, अंग्रेजी, उड़िया, नेपाली, कन्नड, पंजाबी, बंगाली, तेलगू, तमिल और मराठी का ज्ञान है।
पाप एलबम और संगीत : सोनू निगम ने कई एलबमों में काम किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने कई भक्ति गीत भी गाए हैं। उन्हें ज्यादातर मोहम्मद रफी के गीतों के लिए जाना जाता है। उन्होंने सितंबर 2007 में 6 डिस्क संग्रह किया जिसमें उनके लगभग 100 हिट गीत शामिल है। पिछले वर्षो में सोनू निगम ने अपना संगीत प्रदर्शन संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन के साथ-साथ कई देशों में स्टेज शो कर चुके है। अप्रैल 2008 में उन्होंने भारत के विभिन्न शहरों का दौरा कर मैराथन को बढ़ावा देने के लिए कार्य किए। वर्तमान में वह सुनिधि चौहान के साथ ÷द एक्सप्लोजन 2009' टूर पर अमेरिका गए हुए है।
टेलीविजन और रेडियो : सोनू निगम 'सारेगामापा' और 'किसमे कितना है दम' टी.वी शो होस्ट किए है। इसके साथ 'अमूल स्टार वाइस आफॅ इंडिया' में जज की भूमिका निभाई है। सोनू निगम ने रेडियो स्टेशन 91.1 एफ. एम 'लाईफ की धून सोनू के संग' किया।
सोनू की भविष्य की योजनाएं : सोनू निगम की अंगेजी एलम्ब रिलीज होने वाली है जिसका नाम सीप्रीट आन पोलडिग और साथ ही साथ वह अपनी नई फिल्म आंखों ही आंखों में अभिनय करते हुए नजर आएंगे।

Friday, January 22, 2010

आगरा का सफ़र


Taj Mahal- In agra taj mahal is most famous in india as well as in abroad. Taj is a symbol of the devotion and dadication of love. Taj is one of the seven wonders in the world. Shanjahan built the taj in the memory of mumtaz. Agra fort- This fort is also famous in agra. This fort construted by Akbar. It constrution of agra fort commenced in the 1565 and completed in 1571. This fort built by red standstone.
Akbar Tomb- The tomb of the great mughal emperor akbar is worth visiting.
Fatehpur Sikri- It was built by great akbar . Fatehpur sikri is also famous visit place in agra.
Best weekend Getaways from Agra
Mathura Weekend Getaway- It getaways is 45km awayfrom agar. In this getaways there is one tempal.
GokuL Weekend Getaway of india- This getaways basic from krishan storys.
Virndhawan Weekend Getaway- There is a tempal basically from Krishan and Radha. kavita jindal$ chetan

Thursday, January 21, 2010

pink city jaipur

Jaipur is the capital of rajsthan. Jaipur is a another name of pink city. Ever boby known as a pink city. Some good and famaous place in jaipur.
Hawa mahal
- Constructed in 1799. In this palace basically build by royal Queen because she see outside road in the windows. This building five floors and one hundred two windows. If we will see frant of the hawa mahal so much windows and noboby guess where is door. Enter fees- 5 rupees Time- 10 to 4:30 pm
Jahger killa- This fort 15 km away from jaipur. This is astablise on top of the hill. Beggest cannon we can see jahger killa. This cannon name is jay-toop. Enter fees- 15 rupees Time- 10 to 4:45pm
Nahargarh killa- This fort also 15km away from jaipur. This is also top of the hill. Nahargarh killa hight 600 fit. killa construted by 1734 year ago. Enter fees- 15 rupees Time- 10 to 4pm
Luxmi narayan tempal- This tempal made by white marbal and white marbal an gravings। luxmi marayan tempal also called virla tempal. In jaipur this tempal is very famaous.

Kamak varndawan- This is 6km away from jaipur. In this tempal there is so beautiful garden. This garden very popular picnic place. In jaipur this place famous for film shooting.
City place and SMS museum- In this place seven floors house , noon palace and diwan-E-khas is very spacial. In this museum there is one armoury. Enter fees- 35 rupees Time- 9:30 to 4:45pm
Jai palace- In jaipur this palace in center of bich. Jai palace 6km away from jaipur on ajmer road.
Central museum- it was bilt in year 1876 by prince albert. It houses a rayal museumEnter fees- 5 rupees Time- 10 to 4:30 pm
If any body want to see jaipur the best time to go september to march beacuse in this time jaipur enviourment is very well to journey.In jaipur there are so many theater one of the rajmander is very famaous in jaipur. Camal fastival,elephant fastival and gangor fastival is nice fastival in Jaipur. Sari, chudre print and papats funcatoin and jaipur papats is very famaous in indai as well as in abroad. Kavita Jindal & Chetan Singh

Thursday, October 15, 2009

मिर्च-मसाला के रंग


कविता जिंदल और चेतन के संग

सफल गज़ल गायक जगजीत

सिंहजगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के गंगानगर जिले में हुआ। इनके पिता का अमर सिंह और माता का नाम बच्चन कौर हैं। वह अपने परिवार में जीत के नाम से जाने जाते हैं। गज़ल गायक ने शुरुवाती दौर में अपनी पत्नी चित्रा सिंह के साथ गज़ले गई। जगजीत सिंह को पंजाबी, हिन्दी, उर्दू, बंगाली, गुजराती और नेपाली भाषाओं में गजलें गायी। जगजीत सिंह ने सर्वप्रथम गुजराती फिल्म में गीत गाए। श्री सुरेश अमीन ने जगजीत सिंह के करिअर बनाने में बड़ा योगदान दिया। सुरेश की मृत्यु के बाद उन्होने सुरेश को समर्पित ÷चिट्ठी ना कोई संदेश गज़ल गायी। शिक्षाः जगजीत सिंह ने 2 साल तक छगनलाल शर्मा से संगीत सीखा। इसके बाद 6 साल पक इन्होंने खयाल, ठुमरी, ध्रपुद व भारतीस संगीत में शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा के लिए ये गंगानगर से जलांधर और फिर कुरुक्षेत्र चले गए। जलांधर के डी. ए. वी. कॉलेज से स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की और कुरुक्षेत्र विश्वविघालय से इतिहास में ए.म की। गज़ल एलबमः मील का पत्थर, ए. मेरे दिल, मिर्जा गालिब, आदमी, खोज, अपनी पंसद, सिलसिले, जजबात, इन्ताह, चेहरा, आइना, दिल कही होश कही, शहर इनकी प्रमुख एलबम हैं। इसके अलावा जगजीत सिंह ने कई भजन व गुरबानी गायी।फिल्मी करिअरः उन्होने प्रेम गीत, आशियाना, दुशमन, सरफरोश, तुम बिन, तरकीब, बाबुल आदि फिल्मों में गजले गाई।2003 में इन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया साथ ही साथ भारत सरकार ने संगीत के लिए उन्हें तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया। जगजीत सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिखी कविताओं को भी गज़ल के माध्यम से गाया। वह ऐसे पहले भारतीय संगीतकार है जिन्होंने भारतीय संगीत के इतिहास में पहली बार डिजिटल मल्टी ट्रैक रिकाडिंग का उपयोग किया। उन्हे इस समय का सबसे सफल गज़ल गायक माना जाता हैं। कविता जिंदल और चेतन के संग सफल गज़ल गायक जगजीत सिंहजगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के गंगानगर जिले में हुआ। इनके पिता का अमर सिंह और माता का नाम बच्चन कौर हैं। वह अपने परिवार में जीत के नाम से जाने जाते हैं। गज़ल गायक ने शुरुवाती दौर में अपनी पत्नी चित्रा सिंह के साथ गज़ले गई। जगजीत सिंह को पंजाबी, हिन्दी, उर्दू, बंगाली, गुजराती और नेपाली भाषाओं में गजलें गायी। जगजीत सिंह ने सर्वप्रथम गुजराती फिल्म में गीत गाए। श्री सुरेश अमीन ने जगजीत सिंह के करिअर बनाने में बड़ा योगदान दिया। सुरेश की मृत्यु के बाद उन्होने सुरेश को समर्पित ÷चिट्ठी ना कोई संदेश गज़ल गायी। शिक्षाः जगजीत सिंह ने 2 साल तक छगनलाल शर्मा से संगीत सीखा। इसके बाद 6 साल पक इन्होंने खयाल, ठुमरी, ध्रपुद व भारतीस संगीत में शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा के लिए ये गंगानगर से जलांधर और फिर कुरुक्षेत्र चले गए। जलांधर के डी. ए. वी. कॉलेज से स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त की और कुरुक्षेत्र विश्वविघालय से इतिहास में ए.म की। गज़ल एलबमः मील का पत्थर, ए. मेरे दिल, मिर्जा गालिब, आदमी, खोज, अपनी पंसद, सिलसिले, जजबात, इन्ताह, चेहरा, आइना, दिल कही होश कही, शहर इनकी प्रमुख एलबम हैं। इसके अलावा जगजीत सिंह ने कई भजन व गुरबानी गायी।फिल्मी करिअरः उन्होने प्रेम गीत, आशियाना, दुशमन, सरफरोश, तुम बिन, तरकीब, बाबुल आदि फिल्मों में गजले गाई।2003 में इन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया साथ ही साथ भारत सरकार ने संगीत के लिए उन्हें तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया। जगजीत सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिखी कविताओं को भी गज़ल के माध्यम से गाया। वह ऐसे पहले भारतीय संगीतकार है जिन्होंने भारतीय संगीत के इतिहास में पहली बार डिजिटल मल्टी ट्रैक रिकाडिंग का उपयोग किया। उन्हे इस समय का सबसे सफल गज़ल गायक माना जाता हैं।

Wednesday, October 14, 2009

र्मिच-मसाला के रंग


कविता और चेतन के संग
संगीत के सरताज पंचम दा


आर.डी. बर्मन का जन्म 27 जून 1939 को कोलकाता में हुआ। आर.डी. बर्मन को आमतौर पर पंचमदा नाम से भी जाना जाता है। वह गायक और बालीवुड संगीतकार सचिन देव बर्मन के एक लोते बेटे है। उनकी माता मीरा देवी को संगीत की देवी माना जाता है। बर्मन ने लगभग 18 फिल्मों में पार्श्व गायन किया है। उन्होने संगीत के साथ-साथ अभिनय भी किया। बर्मन ने संगीत की शिक्षा उस्ताद अली अकबर खान से प्राप्त की थी। पंचम दा की शादी 1966 में गीता पटेल से हुई और 1971 में तालाक हो गया था और फिर पंचम दा ने आशा भौसले से शादी की। रचनाएं: 9 साल की उम्र मे एक गीत की रचना की ÷ए मेरी टोपी पलट के आ÷ एक धुन की रचना की ÷सर जो मेरा चकराए÷ बचपन में है ÷अपना दिल तो दीवाना÷ गीत गाया।करियरः पंचम दा ने पिता की सहायता से करियर की शुरुवात की। उन्हाने लगभग 331 फिल्मो में संगीत दिया है। जिसमें 292 हिन्दी फिल्में, 3 तेलगू फिल्में, 2 मराठी फिल्में है। आर.डी. बर्मन ने हिन्दी व मराठी 5 धारावाहिक भी बनाए है। उन्होने 1959 में चलती का नाम गाड़ी, कागज के फूल व प्यासा फिल्मों में संगीत दिया। 1960 से 1970 तक की फिल्में: पंचम दा ने इस दौरान छोटे नवाव, बंदनी, तीन देविया, गाइड, भूत बंगला, तीसरा कौन, चंदन का पलना, तलाश और पड़ोसन फिल्में की। 1970 में आर डी. बर्मन 70 के दशक में प्रसिद्व संगीतकार रहे। उन्होने कंटी पंतग, अमर प्रेम, बुड़ा मिल गया, कारवां और हरे राम हरे कृष्णा, शोले, दीवार, आंधी, खुशबु, धरम कर्म, पिया तू अब तो आजा, मोनिका ओ माए डार्लिंग, आती रहेगी बहारे और कसमे वादे, आने वाला पल प्रमुख गीत रहे। 1980 से 2000 में सत्ते पे सत्ता, तीसरी कसम, राम लखन, 1942 लव स्टोरी जैसी फिल्में की और इन्होने गुलजार व आशा भौंसले के गीतो में संगीत दिया।